जर्काता । इंडोनेशिया के सबसे घनी आबादी वाले द्वीप जावा में शनिवार को सबसे ऊंचा ज्वालामुखी सक्रिय होने से 13 लोगों की मौत हो गई है, जबकि दर्जनों लोग घायल हुए हैं। इस दौरान आसमान में राख का गुबार छा गया। ज्वालामुखी से निकलने वाली गैस और लावा से आसपास रहने वाले लोगों में दहशत पैदा हो गई।

इसमें कम से कम एक ग्रामीण की झुलसने से मौत हो गई और 41 अन्य झुलसे व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। पूर्वी जावा प्रांत के लुमाजांग जिले में स्थित माउंट सेमेरु के अचानक फूटने से इसके ढलानों के आसपास के कई गांवों में इससे निकलने वाली राख भर गई। भूगर्भीय सर्वेक्षण केंद्र के प्रमुख एको बुडी लेलोनो ने कहा कि कई दिनों तक गरज चमक के साथ बारिश होने से 3,676 मीटर (12,060 फुट) सेमेरु के ऊपर के लावा गुंबद को क्षति हुई और यह अंत में ढह गया।

उन्होंने कहा इसी के चलते ज्वालामुखी फूटा। उन्होंने कहा कि ज्वालामुखी से निकलने वाली गैस और लावा का प्रवाह शनिवार को 800 मीटर दूर स्थित नदी तक गया। एजेंसी ने कहा कि लोगों को ज्वालामुखी से 5 किलोमीटर दूर रहने की सलाह दी गई है। लुमाजांग जिला प्रमुख थोरिकुल हक ने बताया राख के घने गुब्बार से कई गांवों में अंधेरा छा गया है।
उन्होंने कहा कई सौ लोगों को अस्थाई आश्रयस्थलों या अन्य सुरक्षित क्षेत्रों में ले जाया गया है।

उन्होंने कहा अंधेरे के चलते लोगों को निकालने में बाधा उत्पन्न हुई। हक ने कहा कि ज्वालामुखी के फटने के साथ गरज चमक के साथ बारिश हुई। इससे बहने वाले लावा और सुलगता मलबे से लुमाजांग और पड़ोंसी जिले मलांग को जोड़ने वाले मुख्य पुल के साथ ही एक छोटा पुल क्षतिग्रस्त हो गया। उप जिला प्रमुख इंदाह मसदर ने कहा कि एक व्यक्ति की झुलसने से मौत हो गई जबकि 41 अन्य झुलस गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।