सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्य प्रदेश में सोयाबीन के दाम को लेकर किसानों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। बीते बुधवार को भोपाल के एमएलए रेस्ट हाउस में हुई बैठक में 1 अक्टूबर को मप्र के सभी हाईवे पर चक्काजाम करने का ऐलान किया गया था। हालांकि, इस बंद को लेकर किसान संगठनों में असहमति पैदा हो गई है।
टिकैत का बयान
संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने वीडियो जारी कर स्पष्ट किया कि 1 अक्टूबर के चक्काजाम में संयुक्त किसान मोर्चा शामिल नहीं होगा। उन्होंने कहा, “कुछ पॉलिटिकल लोग इस मूवमेंट में हैं, वे अपना मूवमेंट अलग चलाएं। इससे भ्रम की स्थिति पैदा होती है।” टिकैत ने सरकार से सोयाबीन की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाने की मांग की।
सोयाबीन की MSP बढ़ाने की मांग
टिकैत ने कहा कि मप्र में सोयाबीन की खरीद 3,500 से 4,000 रुपए प्रति क्विंटल हो रही है, जबकि 12 साल पहले यह 4,800 रुपए प्रति क्विंटल थी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वे तुरंत दाम बढ़ाने का काम करें।
आंदोलन की योजना
1 अक्टूबर को होने वाले चक्काजाम के तहत किसानों ने 24 से 30 सितंबर तक गांव-गांव में मशाल जुलूस निकालने का निर्णय लिया है। इसके बाद, 1 अक्टूबर को पूरे प्रदेश में तहसील और जिला स्तर पर स्टेट व नेशनल हाईवे पर 12 बजे से 3 बजे तक चक्का जाम किया जाएगा। यदि सरकार ने किसानों की मांग नहीं मानी, तो भोपाल का घेराव किया जाएगा।
संगठन की स्थिति
किसान नेताओं का कहना है कि सोयाबीन के भाव को लेकर आंदोलन की मुहिम गांव-गांव में चलाई जा रही है। लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया है।
इस प्रकार, किसान संगठनों के बीच स्थिति स्पष्ट नहीं है और आगे की कार्रवाई को लेकर असहमति बनी हुई है।