आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: दुनिया का सबसे अमीर एक्टर कौन है?
इस सवाल के जवाब में हमारे दिमाग में टॉम क्रूज, शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार्स का चेहरा सामने आता है, क्योंकि इनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई करती हैं और फैन फॉलोइंग भी जबरदस्त है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि इसके बावजूद ये दुनिया के सबसे अमीर एक्टर की लिस्ट में टॉप पर नहीं हैं।
सबसे अमीर हैं टायलर पैरी। ये एक अमेरिकन एक्टर, कॉमेडियन, प्रोड्यूसर, स्क्रीन राइटर और फिल्ममेकर हैं। इन्हें कई सक्सेसफुल फिल्में, स्टेज प्ले और टेलीविजन शो बनाने के लिए जाना जाता है। इनकी नेटवर्थ तकरीबन 1 बिलियन डॉलर यानी 8298 करोड़ रु. के करीब बताई जाती है।
ये सारी दौलत उन्होंने खुद के दम पर बनाई है। बचपन डिप्रेशन में गुजरा, पिता से कभी नहीं बनी और दसवीं की भी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए। यहां तक कि टायलर जीवन के ऐसे पड़ाव पर पहुंच चुके थे जहां वो आत्महत्या तक करने वाले थे, लेकिन फिर उन्होंने खुद को संभाला और अब वो कामयाबी की हर ऊंचाई को छू चुके हैं। टायलर आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं।
इस मौके पर जानते हैं कि टायलर पैरी की जिंदगी, फिल्मों और लाइफस्टाइल से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें…
टायलर का जन्म 13 सितंबर 1969 को लूसियाना, अमेरिका में एमिट पैरी सीनियर और विली मैक्सिन पैरी के घर हुआ था। उनका असली नाम एमिट पैरी जूनियर था। उनके पापा एमिट पैरी सीनियर कारपेंटर थे। टायलर के तीन भाई-बहन और थे। उनका बचपन बहुत बुरा बीता। पिता उनके साथ आए दिन मारपीट करते थे।
टायलर के साथ इतना बुरा बर्ताव देखकर उनकी मां बेहद दुखी होती थीं। वो हर रविवार टायलर को चर्च ले जाती थीं जिससे उनके बेटे को कुछ पल राहत मिले। एक बार बेटे के साथ इतनी बदसलूकी देख मां का गुस्सा फूट पड़ा। जैसे ही टायलर 16 साल के हुए तो मां ने कानूनी रूप से उनका नाम एमिट से बदलकर टायलर करवा दिया ताकि उन्हें अपने नाम में भी अपने पिता का सरनेम न जोड़ना पड़े।
दरअसल, एमिट पैरी सीनियर टायलर के असली पिता नहीं थे। इसका खुलासा एक DNA टेस्ट में हुआ था। वो उनके सौतेले पिता थे जिसकी वजह से टायलर को उन्होंने कभी अपने बेटे के रूप में नहीं अपनाया और हमेशा उनके साथ मारपीट की। पिता की प्रताड़ना का असर टायलर की जिंदगी पर बहुत गहरा हुआ। वो अपनी हाई स्कूल तक की पढ़ाई भी पूरी नहीं कर पाए।
एक इंटरव्यू में उन्होंने ये भी बताया था कि जब वो 10 साल के थे तो उनके दोस्त की मां ने उनका यौन शोषण भी किया था। वो इस कदर डिप्रेशन में डूब गए कि उन्होंने कई बार आत्महत्या की कोशिश की।
ओप्रा विनफ्रे का शो देख बदले विचार
टायलर की उम्र 20 साल के आसपास रही होगी जब एक दिन वो द ओप्रा विनफ्रे शो देख रहे थे। इसमें उन्होंने सुना कि अगर आप अपनी भावनाओं को राइटिंग के जरिए व्यक्त करो तो उससे डिप्रेशन से उबरने में मदद मिलती है। टायलर को ये बात जम गई।
उन्होंने इस पर अमल करना शुरू कर दिया और खत लिखने शुरू किए। उन्होंने खुद के नाम पर ही ढेर सारे खत लिख डाले। इन खतों में पैरी अपने दिमाग में चल रही उथल-पुथल को कागज पर उतार देते थे। इससे वो डिप्रेशन से तो उबरे ही उन्हें करियर का भी रास्ता मिल गया। उन्हें समझ में आ गया कि उन्हें अपना फ्यूचर राइटिंग में ही बनाना है। इस दौरान उन्होंने ‘आई नो आई हैव चेंज्ड’ नाम का एक प्ले लिख डाला। 1990 के आसपास पैरी लुसियाना से अटलांटा चले गए। यहां दो साल के संघर्ष के बाद 22 साल के पैरी ने 12,000 डॉलर की अपनी सेविंग्स से एक कम्युनिटी थिएटर में ‘आई नो आई हैव चेंज्ड’ का प्ले रखवाया।
खुद की आपबीती पर लिखा प्ले
इस प्ले में टायलर ने बचपन में झेले उत्पीड़न को ही आधार बनाकर चाइल्ड एब्यूज और पारिवारिक झगड़ों में पिसते बच्चों की मार्मिक कहानी दिखाई, लेकिन इसे कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला। पैरी को फाइनेंशियली काफी घाटा भी हुआ। पैरी ने हार नहीं मानी और उन्होंने इस प्ले को कई बार रीराइट करके फिर दर्शकों के सामने पेश किया। आखिरकार छह साल बाद 1998 में जब पैरी 28 साल के हुए तो उन्हें सफलता हाथ लगी और उन्होंने अटलांटा के ही सबसे बड़े फॉक्स थिएटर में इस प्ले को दिखाया।