आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : शाहिद कपूर को फिल्म इंडस्ट्री में 20 साल पूरे हो चुके हैं। शाहिद कपूर ने हाल ही में इस मौके पर रेडियो नशा से 20 सालों के सफर के बारे में बातचीत की। उन्होंने डायरेक्टर सूरज बड़जात्या के साथ फिल्म विवाह में काम करने का एक्सपीरियंस भी शेयर किया।
उन्होंने बताया कि क्योंकि वो एक बड़े शहर में पले-बढ़े हैं इसलिए उन्हें विवाह फिल्म में डायरेक्टर का विजन समझने में काफी मुश्किल हुई।
शाहिद कपूर और अमृता राव की फिल्म विवाह 2006 में रिलीज हुई थी। ये उस साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक थी। फिल्म ने वर्ल्डवाइड करीब 13 करोड़ रुपए की कमाई की थी।
फिल्म की सेटिंग को समझना बहुत मुश्किल था: शाहिद
शाहिद कपूर ने कहा कि फिल्म की सेटिंग को समझना उनके लिए आसान नहीं था और शूटिंग के दौरान उनके मन में अक्सर ये ख्याल आता रहता था कि ये क्या हो रहा है। उन्होंने कहा- जाहिर है मैंने फिल्म की स्क्रिप्ट पढ़ी थी।
इसके बाद भी मुझे समझ में नहीं आता था कि सेट पर चल क्या रहा है। फिल्म में पानी को भी जल कहना था। मुझे लगता रहता था कि ऐसे बात क्यों हो रही है ? जल क्या होता है, हम तो इसे आम भाषा में पानी ही कहते हैं। मैंने पहली बार ऐसा कुछ सुना था।
मुझे लगता था मैं विवाह जैसी फिल्म नहीं कर पाऊंगा: शाहिद
शाहिद कपूर ने आगे कहा- इन सबके बाद फिल्म के गानों में किसी उम्रदराज व्यक्ति की आवाज थी। मुझे सेट पर हर पल ये लगता था की मैं ये कैसे कर पाऊंगा। लेकिन मेरे मन में सूरज जी के लिए काफी इज्जत थी, आज भी है।
इसलिए मैं उनकी हर बात मानता गया और उसके बाद जो हुआ उसका रिजल्ट ओत आप देख ही चुके हैं। वो मुझसे कहते थे कि मुझपे भरोसा रखो और जैसा मैं कहता हूं वैसा करते जाओ।
हिट कॉलेज रोमांस ड्रामा के दशक में सूरज ने बनाई विवाह
शाहिद कपूर ने ये भी बताया कि 2006 में जब विवाह रिलीज हुई थी तब यंग लोगों की जिंदगी और कॉलेज लाइफ पर बेस्ड याद राज और धर्मा प्रोडक्शन की फिल्में पसंद की जाती थीं। सूरज ने अपनी फिल्म में ठीक इससे उल्टा सब्जेक्ट लिया था।
शाहिद कपूर ने कहा- सूरज ने एक ऐसी फिल्म बनाई थी जिसकी जड़ें समाज की रूढ़ीवादी सोच में है। लेकिन, उन्होंने इस फिल्म की टोन को पॉजिटिव रखा और उनका ये फार्मूला काम कर गया।