सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: हरित प्रेरणा में प्रेमी बहनों और भाइयों का हार्दिक स्वागत है। आज का यह एपिसोड बेहद महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर केंद्रित है। हम बात करेंगे ग्लेशियरों के पिघलने और जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों पर, जो पूरी दुनिया के लिए खतरे की घंटी बन चुके हैं।

दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला से एक बेहद डराने वाली खबर आई है—अब वेनेजुएला में एक भी ग्लेशियर नहीं बचा है। 20वीं सदी की शुरुआत में इस देश में छह ग्लेशियर थे, लेकिन समय के साथ वे सभी पिघल चुके हैं।

 

अंतिम बचा हुआ ग्लेशियर ‘हम्बोल्ट’ का विलुप्त होना

वेनेजुएला का आखिरी बचा हुआ ग्लेशियर, ‘हम्बोल्ट’, अब इतना सिकुड़ चुका है कि वैज्ञानिक इसे ‘बर्फ का मैदान’ कह रहे हैं। यह ग्लेशियर अपने मूल आकार का मात्र 0.4 प्रतिशत ही बचा है। ग्लेशियर केवल बर्फ के पहाड़ नहीं होते; ये धरती के जलचक्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। जब ग्लेशियर पिघलते हैं, तो नदियों और जलस्रोतों को पानी मिलता है, जिससे पेड़-पौधे, जानवर, और हम इंसान सभी को जीवन मिलता है।

 

ग्लेशियरों के पिघलने के परिणाम: समुद्र का बढ़ता जलस्तर

ग्लेशियरों के तेजी से पिघलने से समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है, जिससे बाढ़, तटीय क्षेत्रों के डूबने, और पारिस्थितिक असंतुलन का खतरा बढ़ता जा रहा है। यह स्थिति हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन को गंभीर रूप से बिगाड़ रही है।

 

जलवायु परिवर्तन का ग्लेशियरों पर गहरा प्रभाव

जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा असर ग्लेशियरों पर पड़ रहा है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण औसत तापमान में वृद्धि हो रही है, और इसके कारण बर्फ की चादरें तेजी से पिघल रही हैं।

 

वेनेजुएला में पिछले सात दशकों में तापमान में 0.10 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई है, और जुलाई 2023 में आए अल नीनो ने हम्बोल्ट ग्लेशियर के पिघलने की प्रक्रिया को और तेज कर दिया। अब वेनेजुएला दुनिया का पहला ऐसा देश है, जिसने अपने सभी ग्लेशियर खो दिए हैं।

 

वैश्विक चेतावनी: और ग्लेशियर भी पिघल सकते हैं

अगर ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका के ग्लेशियर पिघल जाते हैं, तो समुद्र का जलस्तर इतनी तेजी से बढ़ेगा कि धरती का एक बड़ा हिस्सा समुद्र में समा सकता है। जलवायु वैज्ञानिकों का मानना है कि इंडोनेशिया, मैक्सिको, और स्लोवेनिया जैसे देशों के ग्लेशियर भी जल्द ही खत्म हो सकते हैं, अगर हम अभी से कदम नहीं उठाते।