आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे अवसर पर आईसेक्ट एवं स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के संयुक्त तत्वावधान में “कौशल चर्चा” के द्वितीय दिन “अप्रेंटिसशिप अवेयरनेस वर्कशॉप” का आयोजन हुआ। इसमें डीजीईटी के रीजनल डायरेक्टर जे.पी. मीणा बतौर मुख्य वक्ता मौजूद रहे। इस दौरान उन्होंने अप्रेंटिसशिप स्कीम्स की जानकारी देते हुए नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रोमोशन स्कीम (एनएपीएस) और नेशनल अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग स्कीम (एनएटीएस) से जुड़े विभिन्न पहलुओं को विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अप्रेंटिसशिप की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोगों का ई-केवायसी न होने एक बड़ी चुनौती पेश करता है जिसके चलते डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में भी समस्या का सामना करना पड़ता है। सेशन के अंत में सवाल-जवाब सत्र का आयोजन हुआ जिसमें उद्योग जगत से आए प्रोफेशनल्स ने अपनी समस्याओं से संबंधित सवाल पूछे। इस दौरान कार्यक्रम में 25 से अधिक इंडस्ट्री एंप्लॉयर्स मौजूद रहे जिन्होंने आयोजन में प्रतिभागिता कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
इससे पहले कार्यक्रम में स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अजय भूषण ने स्किलिंग के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में समय में कौशल विकास के आवश्यकता को देखते हुए ही मध्य भारत की पहले कौशल विश्वविद्यालय के रूप में स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी को स्थापित किया गया है। इसमें स्किल कोर्सेज को प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें थ्योरिटिकल नॉलेज के साथ ही उद्योग जगत की संस्थाओं के साथ मिलकर नए स्किल कोर्सेज लाए जाएंगे।
इस दौरान कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि मौजूद एनएसडीसी के मैनेजर एवं स्टेट इंगेजमेंट ऑफिसर विवेक प्रताप सिंह चौहान ने स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी की पहल को सराहनीय प्रयास बताया और पूरी टीम को शुभकामनाएं दीं। स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के चांसलर सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि जे.पी. मीणा द्वारा अप्रेंटिसशिप पर दिया गया प्रेजेंटेशन बेहद सारगर्भित रहा। इसमें विस्तृत रूप से सभी पहलुओं को शामिल किया गया था। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार पिछले पांच सालों से अप्रेंटिसशिप को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास कर रही हैं। परंतु वर्तमान में अप्रेंटिसशिप स्कीम को मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर के साथ ही सर्विस सेक्टर में बड़े स्तर पर लागू किए जाने की आवश्यकता है। यहां हॉस्पिटेलिटी, टूरिज्म, आईटी-आईटीईएस इत्यादि सेक्टर में अप्रेंटिसशिप के लिए अपार संभावनाएं हैं।