आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : वेस्टइंडीज के खिलाफ 3 वनडे की सीरीज से पहले भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा बोले, ‘अनुभवी खिलाड़ियों की इंजरी से टीम को परेशानी होती है। बुमराह फिलहाल अच्छा कर रहे हैं। पता नहीं वो आयरलैंड जाएंगे या नहीं, लेकिन वर्ल्ड कप से पहले वो जितने ज्यादा मैच खेलें, टीम के लिए उतना अच्छा रहेगा।’

विराट ने 5 साल बाद विदेश में टेस्ट शतक लगाया। उनके फॉर्म पर रोहित ने कहा, ‘विराट उन खिलाड़ियों में से हैं, जिन्हें ज्यादा बताने की जरूरत नहीं पड़ती। बाहर क्या हो रहा है, टीम को इस बात से फर्क नहीं पड़ता।’

वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला वनडे आज शाम 7 बजे से खेला जाएगा। मैच से पहले टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, आइए जानते हैं उनकी अहम बातें…

  1. हमारा फोकस टीम की सक्सेस पर

‘बाहर जो बातें होती हैं, किसने कितने रन बनाए, कितने विकेट लिए, उन लोगों को नहीं पता कि अंदर क्या होता। हम चाहते हैं कि ये चीजें अंदर ही रहें। हमारे लिए जरूरी यही है कि किस तरह सभी प्लेयर्स का बेस्ट निकले। किस तरह टीम मैच और सीरीज जीते, हमारा फोकस इसी पर रहता है। बाहर कौन किस तरह से बात करता है, हमारे लिए वो बिलकुल मायने नहीं रखता। मैं ये चीज बहुत बार बोल चुका हूं और हर बार यही बोलता रहूंगा। हमारा फोकस टीम की सक्सेस पर ही रहता है।

कुछ प्लेयर्स ऐसे होते हैं, जिनसे (विराट) बातें करने की जरूरत नहीं पड़ती। टीम में काफी नए लड़के आए हैं, हमारा फोकस यही रहता है कि कैसे उन्हें मौका दिया जाए। टीम के किसी भी प्लेयर को ये नहीं बताया जा सकता कि बैट कैसे पकड़ा जाता है। हमारा फोकस प्लेयर्स को कम्फर्ट देने पर ज्यादा रहता है, हम टीम के फायदे पर ही ध्यान रखते हैं।’

  1. जसप्रीत बुमराह का अनुभव टीम के लिए अहम

‘बुमराह का एक्सपीरिएंस टीम के लिए काफी अहम है, मुझे पता नहीं कि उनका सिलेक्शन आयरलैंड सीरीज के लिए होगा या नहीं। अगर उन्हें मैच खेलने को मिले तो अच्छी बात होगी, हम कोशिश करेंगे कि उन्हें वर्ल्ड कप से पहले जितने ज्यादा मैच खेलने को मिले उतना अच्छा रहेगा। हमारी कोशिश यही रहेगी कि अगर कोई प्लेयर वर्ल्ड कप खेलने का दावेदार है तो उसे ज्यादा से ज्यादा वनडे मैच मिल सके।’

  1. बैटिंग-बॉलिंग में 15-20 ऑप्शन

‘टीम सिलेक्शन बिलकुल भी आसान नहीं होता, टीम में खेलते 11 ही प्लेयर्स हैं। उनमें भी बैटर्स 6 या 7 ही हो सकते हैं, उसके लिए हमारे पास 15-20 अच्छे ऑप्शंस हैं। बॉलिंग के लिए भी इसी तरह का माहौल होता, टीम में 3 या 4 पेसर्स की ही जगह होती है, लेकिन ऑप्शन कई होते हैं। हर टीम को इस तरह की सिचुएशन से जूझना पड़ता है। हम देखते हैं कि हमारे प्लान में कौन से प्लेयर अच्छा परफॉर्म कर सकते हैं। टीम की जरूरत के हिसाब से ही हम टीम सिलेक्ट करते हैं, प्लान के हिसाब से ही प्लेयर्स को कोई रोल दिया जाता है।’

  1. सभी को फिट रख पाना सबसे बड़ा चैलेंज

‘वर्ल्ड कप से पहले अनुभव बहुत जरूरी होता है, लेकिन कई बार प्लेयर्स को इंजरी हो जाती है तो ऐसे में हमें पता नहीं लगता क्या करना है। मैच में कभी भी इंजरी हो सकती है, इसलिए हमें सबस्टिट्यूट प्लेयर्स पर भी फोकस करना होता है। मैं उम्मीद करूंगा जिस स्क्वॉड के साथ हम खेलना चाहते हैं, हम उन्हीं प्लेयर्स के साथ वर्ल्ड कप में उतरें।’