मध्य प्रदेश में मिशन-2023 की तैयारी में जुटी पार्टी टिकट बांटने के फार्मूले में करेगी बदलाव।
भाजपा राजनीतिक सुचिता के लिए अब राजनीति में सामाजिक कार्यकर्ताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने की तैयारी में है। मध्य प्रदेश में मिशन-2023 की तैयारी में जुटी पार्टी इस बार अपने टिकट बांटने के फार्मूले में बदलाव करेगी। पार्टी टिकट चयन में सिर्फ राजनीतिक कार्यकर्ताओं को शामिल न कर सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच से भी बेहतर छवि वाले लोगों को प्रत्याशी बनाएगी। पार्टी की तैयारी 10 से 15 प्रतिशत टिकट समाज के बीच काम करने वाले अच्छे लोगों को देने की है।
नगरीय निकाय चुनाव में अपनाया फार्मूला
थिंक टैंक कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विचार है कि आने वाले समय में राजनीति को भ्रष्टाचार, अहंकार और जनता से दूरी बनाकर रहने वाले नेताओं से मुक्त कर समाज के लोगों की भागीदारी बढ़ाना है। यही वजह है कि आने वाले चुनाव से भाजपा इस प्रयोग को करेगी। वैसे पार्टी नेताओं के अनुसार 2022 में मध्य प्रदेश में हुए नगरीय निकाय के चुनाव में पार्टी ने इसी फार्मूले के तहत इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, जबलपुर में डा. जामदार, मुरैना से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एक शिक्षिका को प्रत्याशी बनाया था। कुछ परिणाम अनुकूल आए तो कुछ प्रतिकूल। पार्टी अब इसे विधानसभा चुनाव में भी लागू करने की तैयारी में है।
नेता ऐसा हो जो सेवा का पर्याय बने
दरअसल, विचारधारा की अलग लकीरें ही भाजपा की पहचान हैं। इसके संकेत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहयोगी संगठन ‘प्रज्ञा प्रवाह’ की भोपाल में पिछले वर्ष हुई चिंतन बैठक में दिए थे। पिछले वर्षों में हिंदुत्व को राजनीति का केंद्र बिंदु बनाने के बाद भाजपा अब इसके दूसरे दौर में प्रवेश करने की तैयारी में है। यानी राजनीति की पहचान और तौर-तरीके हिंदुत्व आधारित जीवन मूल्यों, विचारों और चिंतन पर केंद्रित होंगे। केवल वोट के लिए राजनीति पाखंड है। नेता ऐसा हो, जो लोभ-लालच के बजाए सेवा, विकास का पर्याय बने।
अच्छा काम करने वालों को राजनीति में लाने का प्रयास
व्यसन- दुर्गुणों से दूर रहे ताकि नागरिकों, विशेषकर युवाओं के सामने उच्च आदर्श स्थापित कर सके। यही वजह है कि समाज के बीच रहकर अच्छा काम करने वाले युवाओं को भाजपा अब टिकट में प्राथमिकता देने की तैयारी में है। पार्टी नेताओं का मानना है कि दशकों तक गैर एनडीए दलों की सरकारों ने जो भ्रष्टाचार किए, उनके नेताओं की हरकतों से चरित्र में गिरावट ने नागरिकों को राजनीति के प्रति न केवल निराश किया, बल्कि राजनीति की दशा और दिशा भी प्रभावित किया है। सत्ता के लिए ही राजनीति की परिपाटी ने हमारे सनातन मूल्यों को हाशिए पर रखा। इस परिपाटी को बदलने के लिए भाजपा आने वाले चुनाव में ऐसे चेहरों को चिह्नित करेगी, जो किसी भी क्षेत्र में अच्छा काम कर रहे हों और उन्हें राजनीत में लाने का प्रयास करेगी।