सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजी (एसआईओपी एशिया) 2024 सम्मेलन की एशिया महाद्वीपीय शाखा का 16वां सम्मेलन 22/06/2024 से 25/06/2024 तक जापान के योकोहामा में आयोजित हुआ। सम्मेलन में 43 देशों के 700 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। एम्स भोपाल के बाल रोग विभाग के पीडियाट्रिक हेमटोलॉजी-ऑन्कोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ नरेंद्र चौधरी, पीडियाट्रिक हेमेटो-ऑन्कोलॉजी फेलो डॉ मुग्धा टोडकर और सीनियर रेजिडेंट डॉ अनीशा रोजिलन के साथ एसआईओपी एशिया 2024 में शामिल हुए और 4 शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें से 3 रक्त कैंसर से संबंधित थे और एक कैंसर से पीड़ित बच्चों में मनोवैज्ञानिक समस्याओं पर था। डॉ मुग्धा ने एक बच्चे में रक्त कैंसर का एक दिलचस्प मामला प्रस्तुत किया जिसमे रक्त कैंसर से पीड़ित बच्चा स्टेरॉयड और पारंपरिक उपचार से लाभ तो हो सकता है लेकिन ठीक नहीं होता। यह आंशिक उपचार उचित निदान, इलाज और परिणाम को और अधिक कठिन बना देता है। इससे यह संदेश दिया गया कि संदिग्ध रक्त कैंसर वाले बच्चे का पारंपरिक दवाओं से तब तक इलाज न करें जब तक कि ठीक से निदान न हो और पूरी योजना न बन जाए। डॉ. अनीशा रोजलिन ने बाल मनोविज्ञान पर कैंसर के निदान के प्रभाव पर एक पेपर प्रस्तुत किया। उन्होंने 50 बच्चों का अध्ययन किया और पाया कि 14% बच्चों में अवसाद के लक्षण थे और लगभग 70% बच्चों में चिंता के लक्षण थे। इन मनोवैज्ञानिक लक्षणों को बिना दवाओं के केवल परामर्श से प्रबंधित किया गया। इस अध्ययन का मार्गदर्शन मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. आशीष पाखरे ने भी किया। एम्स भोपाल के शोध पत्रों पर शोध पत्र चर्चा को अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने खूब सराहा। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने शोधकर्ताओं को बधाई दी और संकायों, रेजिडेंट डॉक्टरों, छात्रों और यहां तक कि नर्सिंग स्टाफ को भी शोध में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया।