आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भोज मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन सत्र में विशेष अतिथि के रूप में रविंद्र कन्हारे, अध्यक्ष शुल्क नियामक आयोग उपस्थित थे। कार्यशाला के विषय “दूरस्थ और ऑनलाइन शिक्षा के स्व अधिगम सामग्री का अभिकल्प और विकास” पर इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के डायरेक्टर और अन्य विषय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की एवं अपने सुझाव साझा किए। समापन सत्र की अध्यक्षता मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति संजय तिवारी द्वारा की गई। समापन कार्यक्रम में रवीन्द्र कन्हारे, कुलपति संजय तिवारी से साथ साथ, इग्नू के डायरेक्टर संतोष पांडा, प्रो. मधु परहार, उपनिदेशक जी मैथिली व अन्य सम्मानीय अतिथि उपस्थित थे।
समापन सत्र को संबोधित करते हुए इग्नू की निदेशक मधु परिहार ने कहा की मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय को नए पाठ्यक्रमों के संचालन के लिए अधिगम पाठ्य सामग्री के निर्माण की आवश्यकता है, और आशा है इस कार्यशाला से कार्य में काफी मदद मिलेगी ।उन्होंने कहा कि आज शिक्षा व्यवस्था को दूरस्थ और मुक्त शिक्षा से भी आगे ऑनलाइन शिक्षा की ओर जाना है। उन्होंने प्रतिभागियों को से कहा कि इस तीन दिवस की कार्यशाला में जो हमने सीखा है, और जिसका प्रशिक्षण लिया है, जब तक इस्तेमाल नहीं करेंगे तब तक गुणवत्तापूर्ण अधिगम पाठ्य सामग्री तैयार नहीं होगी इसलिए प्रतिभागियों को निरंतर इसका अभ्यास करना होगा।
इग्नू के निदेशक संतोष पांडे ने बताया की इग्नू हमेशा ही मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय को उसके पाठ्य सामग्री निर्माण में मदद करने के लिए हमेशा तत्पर रहेगा । उन्होंने विश्वविद्यालय का आवाहन किया कि वह भारत शासन के स्वयं पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन कोर्सेज को चालू करने में आगे आए।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि रविंद्र कन्हारे ने कहा की पारंपरिक शिक्षा से जुड़े शिक्षकों को अधिगम पाठ्य सामग्री लिखने के लिए एक अलग प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है । जो इस कार्यशाला से इन सभी प्रतिभागियों को अवश्य मिला होगा उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों और विद्यार्थियों के मध्य अंतर संवाद और आत्मीयता की कमी लगती है। e-content के विकास से ना केवल दूरस्थ और मुख्य शिक्षा के विद्यार्थियों को फायदा होगा। बल्कि इससे नियमित विद्यार्थियों को भी फायदा होगा और इस कंटेंट को ऐसे ही दृष्टिकोण से तैयार करना चाहिए।
समापन सत्र से पूर्व तीसरे दिन के तकनीकी सत्र की शुरुआत संतोष पांडा के प्रेरक वक्तव्य से हुई। अंतिम तकनीकी सत्र के पहले सत्र का उद्बोधन जी. मैथिली द्वारा दिया गया। मैथिली ने वर्तमान समय में बहुत उपयोगी टूल्स जैसे क्यू आर कोड, यू ट्यूब जैसे अनेक महत्वपूर्ण विषयों की मदद से किस प्रकार स्व अधिगम सामग्री को नई पहचान दी जा सकती है और इनकी मदद से किस प्रकार शिक्षण संबंधी विडियोज तैयार किए जा सकते हैं।अंतिम तकनीकी सत्र को मधु परहार द्वारा संबोधित किया गया। उन्होंने सभी शिक्षक प्रतिभागियों को इकाई लेखन का अभ्यास कराया एवम उनका प्रस्तुति करण करवाकर सामूहिक परिचर्चा कराई।