सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: रूस अपनी सेना में भारी विस्तार करने जा रहा है। सीएनएन के मुताबिक, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को सैनिकों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया है। इस आदेश के तहत रूसी सेना में लगभग 1.80 लाख सैनिकों की भर्ती की जाएगी, जिससे कुल सैन्य कर्मियों की संख्या लगभग 23.8 लाख हो जाएगी। इसमें एक्टिव सैनिकों की संख्या 15 लाख तक पहुँच जाएगी।

रूसी सेना में विस्तार:

क्रेमलिन के अनुसार, नई भर्ती दिसंबर महीने में शुरू की जाएगी। वर्तमान में एक्टिव सैनिकों के मामले में रूस चीन, भारत और अमेरिका के बाद चौथे स्थान पर है। नई भर्ती के बाद रूस एक्टिव सैन्यकर्मी के मामले में भारत से आगे बढ़कर दूसरे नंबर पर आ जाएगा। इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) के अनुसार, चीन के पास लगभग 20 लाख एक्टिव सैन्यकर्मी हैं, जबकि भारत के पास करीब 14 लाख और अमेरिका के पास 13 लाख एक्टिव सैन्यकर्मी हैं।

तेजी से बढ़ती सैन्य ताकत:

फरवरी 2022 में यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत के बाद यह तीसरी बार है जब पुतिन ने अपनी सेना का आकार बढ़ाने का निर्णय लिया है। अगस्त 2022 में उन्होंने 1.37 लाख सैनिकों की बढ़ोतरी का आदेश दिया था, जिससे कुल सैनिकों की संख्या 20 लाख से अधिक हो गई थी। दिसंबर 2022 में 1.70 लाख सैनिकों की भर्ती के बाद कुल एक्टिव सैनिकों की संख्या 13.2 लाख हो गई थी।

रूस ने 80 साल में पहली बार जमीन गंवाई:

रूस ने पिछले महीने कुर्स्क क्षेत्र में यूक्रेनी सेना द्वारा करीब 1,175 वर्ग किलोमीटर इलाके पर कब्जा कर लिया था, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद पहली बार ऐसा हुआ। हालांकि, रूस ने अपनी जमीन वापस हासिल करने की कोशिश तेज कर दी है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले हफ्ते रूस और यूक्रेनी सेना के बीच कुर्स्क के कई इलाकों में मुठभेड़ हुईं। रूस ने पूर्वी डोनबास इलाके के महत्वपूर्ण यूक्रेनी शहर पोक्रोवस्क पर कब्जा करने की कोशिश तेज कर दी है।

यूक्रेनी राष्ट्रपति की मांग:

यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमीर ज़ेलेंस्की ने अपने सहयोगी देशों से लंबी दूरी के मिसाइलों का इस्तेमाल करने की मंजूरी मांगी है, जिससे रूस को रोका जा सके। उन्होंने कहा, “लंबी दूरी की मिसाइलों से रूस के सैन्य ठिकानों पर हमले से ही इसका समाधान निकाला जा सकता है।” हालांकि, अमेरिका और ब्रिटेन ने पिछले हफ्ते तक यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें देने का मन बना लिया था, लेकिन पुतिन की चेतावनी के बाद उन्होंने अपना इरादा बदल दिया।

पुतिन की चेतावनी:

पुतिन ने पश्चिमी देशों को धमकी दी थी कि अगर यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला करने की अनुमति दी गई तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा। उन्होंने कहा, “अगर रूस पर लंबी दूरी की मिसाइलों से हमला होता है तो माना जाएगा कि नाटो इस जंग में सीधे तौर पर शामिल है।” इस चेतावनी के बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि फिलहाल यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइल सप्लाई करने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है।

समाप्ति:

रूस की सेना में बढ़ोतरी और यूक्रेन के साथ जारी संघर्ष में लंबी दूरी की मिसाइलों का इस्तेमाल दोनों ही क्षेत्रीय और वैश्विक राजनीति पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। यह मामला आगामी महीनों में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरों में बना रहेगा।

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