आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : दो दिन बाद भारत और वेस्टइंडीज के बीच दो टेस्ट मैचों की सीरीज शुरू हो रही है। 12 जुलाई से रोसो आइलैंड में पहला मुकाबला खेला जाना है। इस सीरीज के साथ ही दोनों टीमें वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अगले राउंड (2023-25) का आगाज करेंगी।
रोहित शर्मा की कप्तानी वाली भारतीय टीम इस सीरीज में एकतरफा अंदाज में जीत हासिल करने की दावेदार बताई जा रही है। कारण साफ है। टेस्ट क्रिकेट में दोनों टीमों के स्तर में फासला अब बहुत बढ़ गया है। भारतीय टीम इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के साथ दुनिया की टॉप-3 टीमों में है। वहीं, खेल की क्वालिटी के हिसाब से वेस्टइंडीज की हैसियत अब आयरलैंड और अफगानिस्तान से भी कम होती जा रही है।
आज लगातार गर्त में जा रही वेस्टइंडीज टीम की स्थिति हमेशा ऐसी नहीं रही थी। इस सदी में लगातार डिक्लाइन देखने वाली इस टीम ने पिछली सदी में करीब 20 साल तक क्रिकेट की दुनिया पर राज किया था। इस स्टोरी में हम तब के दौर में कैरेबियाई टीम का रिकॉर्ड देखेंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि भारत ने इस टीम के खिलाफ कैसा खेल दिखाया था?
वेस्टइंडीज का गोल्डन एरा कब से कब तक रहा
1975 से 1995 तक का समय वेस्टइंडीज क्रिकेट का गोल्डन एरा कहा जाता है। देखिए इस दौरान कैरेबियाई टीम ने कौन-कौन सी उपलब्धि हासिल की थीं-
1975 : लॉर्ड्स में ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराया। वनडे की पहली वर्ल्ड चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया।
1979 : लॉर्ड्स के मैदान में इंग्लैंड को 92 रन से हराया। लगातार दो वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली टीम बनी।
1983 : टीम लगातार तीसरे वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची। ऐसा करने वाली पहली टीम बनी, लेकिन भारत से 43 रन से हारी।
1980-1995 : टीम 15 साल टेस्ट सीरीज में अजेय रही। टीम ने 29 में से 20 टेस्ट सीरीज जीतीं, जबकि 9 ड्रॉ कराईं।
1975-1995: गोल्डन एरा में वेस्टइंडीज में अपने घर में कोई सीरीज नहीं गंवाई। टीम ने 15 सीरीज खेलीं। 14 में जीत हासिल हुई, एक ड्रॉ रही।
टीम का इतना दमदार परफॉर्मेंस कैसे…?
तब कैरेबियाई टीम में सर विवि रिचर्ड्स, क्लाइव लॉयड, गॉर्डन ग्रीनिज, डेसमंड हैंस जैसे दिग्गज बल्लेबाज थे। बाद में ब्रायन लारा जैसा दिग्गज भी दुनिया ने देखा। इसके साथ ही, यह वह दौर था जब कैरेबियाई पेसर्स से दुनिया भर के बल्लेबाज खौफ खाते थे।