आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत ने वनडे सीरीज के तीसरे और निर्णायक मुकाबले में वेस्टइंडीज को 200 रनों से हराया। इस जीत के साथ भारतीय टीम ने वनडे सीरीज भी जीत ली। टीम ने कैरेबियंस को 2-1 से हराया। भारत ने वेस्टइंडीज से लगातार 13वीं सीरीज जीती है। भारत ने टेस्ट सीरीज 1-0 से अपने नाम की थी।

यह कैरेबियाई सरजमीं पर वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले, टीम इंडिया ने 2022 में वेस्टइंडीज को उसी के घर में 119 रन से हराया था।

वनडे सीरीज जीतने के साथ टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप मिशन का बिगुल फूंक दिया है। निर्णायक मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने तीनों विभागों में दमदार प्रदर्शन किया।

पोर्ट ऑफ स्पेन में भारतीय टीम ने टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 5 विकेट पर 351 रन बनाए। जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 35.3 ओवर में 151 रन पर ऑलआउट हो गई।

शुभमन गिल मैन ऑफ द मैच और ईशान किशन प्लेयर ऑफ द सीरीज बने।

आगे पढ़िए एनालिसिस और तीसरे वनडे की मैच रिपोर्ट…

शुरुआत ग्राफिक्स में मैच विनर्स की परफॉर्मेंस से…

एनालिसिस : तीनों डिपोर्टमेंट में वेस्टइंडीज से बेहतर दिखी टीम इंडिया

तीसरे मुकाबले में टीम इंडिया बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग में वेस्टइंडीज से बेहतर दिखी। पिछले दो मुकाबलों में फ्लॉप रहे टीम के मिडिल ऑर्डर ने भी बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई।

पिछले 2 मैचों की तरह भारतीय ओपनर्स ने एक बार फिर टीम को मजबूत शुरुआत दी। गिल-किशन की जोड़ी ने 143 रनों की साझेदारी की। जिसकी बदौलत मिडिल ऑर्डर और ऑलराउंडर्स ने 350 रनों का पहाड़-सा स्कोर खड़ा किया। गिल ने 85, किशन ने 77, पंड्या ने 70 और सैमसन ने 51 रन का योगदान दिया।

भारतीय टीम की ऐतिहासिक जीत में जहां बैटर्स ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, तो पोर्ट ऑफ स्पेन की ग्रासी पिच पर तेज गेंदबाज भी पीछे नहीं रहे। हमारे पेसर्स ने विंडीज के 10 में से 8 विकेट चटकाए।

नए नवेले गेंदबाज मुकेश कुमार ने लगातार 3 विकेट लेकर वेस्टइंडीज के टॉप ऑर्डर को बिखेर दिया। उसके बाद जयदेव उनादकट ने शार्दूल ठाकुर और कुलदीप यादव के साथ मिलकर कैरेबियंस के मिडिल ऑर्डर की कमर तोड़ दी।

आगे 3 पॉइंट्स में जानिए सीरीज से क्या मिला?

पहला: टॉप ऑर्डर सफल रहा सीरीज की शुरुआत से ही भारतीय टीम मैनेजमेंट प्रयोग के मूड में दिखा और पहले, दूसरे और तीसरे मुकाबले में लगातार प्रयोग किए, लेकिन बदलाव के दौर में भी भारतीय ओपनर्स ने अपनी जिम्मेदारी निभाई। इससे टीम को ओपनिंग के कई विकल्प मिले।

दूसरा : मिडिल ऑर्डर की अग्नि परीक्षा तीनों ही मुकाबलों में भारतीय टीम ने अपने बैटिंग ऑर्डर में बदलाव किया, लेकिन बदलती बैटिंग पोजिशन पर टीम का मिडिल ऑर्डर परफॉर्म नहीं कर पा रहा था। यहां तक कि पहले वनडे में 115 रन के मामूली से टारगेट को चेज करने में 5 विकेट गंवा दिए थे। सबसे बड़ी समस्या नंबर-4 पर थी। टीम ने इस पोजिशन पर 3 बैटर्स आजमाए थे।