आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित किए जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह कार्यक्रम के तहत हवन, पूर्णाहुति तथा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ। आज प्रातः श्रीमज्जगदगुरू स्वामी, शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती का आगमन भोपाल रेलवे स्टेशन पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव विजय सिंह व अन्य पदाधिकारियों और विद्यार्थियों के बड़े समूह द्वारा उल्लासपूर्वक स्वागत किया गया।
इसके उपरांत श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी, निश्चलानन्द सरस्वती, महाराज ऋगवैदिय पूर्वाम्नाय गोवर्धन मठपुरी पीठाधीश्वर से बातचीत के सत्र का आयोजन हुआ। जिसमें उन्होंने भारतीय अध्यात्म, वैचरिक समृद्धता और प्रगतिशील भारत एवं हिंदू राष्ट्र पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व गुरु बनने की दस्तक दे चुका है। आने वाला समय भारत का होगा। उन्होंने भारतीय ज्ञान की व्याख्या करते हुए यह भी कहा कि हमें विश्वगुरू बनना नहीं है क्योंकि हम आज भी ज्ञान के मामले में विश्वगुरू ही हैं। इस दौरान कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलाधिपति संतोष चौबे, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए की संपादक विनीता चौबे, आईसेक्ट के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ चतुर्वेदी, आईसेक्ट ग्रुप का यूनिवर्सिटीज की निदेशक अदिति चतुर्वेदी वत्स, आईक्यूएसी के निदेशक नितिन वत्स, विश्वविद्यालय के कुलपति ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव विजय सिंह और शिक्षाविद अमिताभ सक्सेना समेत गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इसके बाद प्रसाद वितरण और भंडारा का आयोजन हुआ जिसमें भोपाल, रायसेन एवं होशंगाबाद जिलों के पांच हजार से अधिक लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
शाम में धर्म सभा का आयोजन हुआ। इस दौरान बात करते हुए श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती जी महाराज ने धर्म, राजनीति, अध्यात्म और गृहस्थ जीवन के साथ ही संन्यास पर लोगों के प्रश्नों के उत्तर दिए। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान का युग है। विज्ञान सनातन धर्म की देन है। विज्ञान भी वेद पुराण की महत्ता को नकार नहीं सकता।