नई दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग, रेलवे, उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बिजनेस समुदाय को इस क्षेत्र के विकास, व्यापार और आर्थिक विकास को मजबूत करने के प्रयासों में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने “साझा समृद्धि के लिए रोड मैप विकसित करने” के विषय पर भारत-प्रशांत क्षेत्र के व्यापार मंत्रियों के साथ सीआईआई की विशेष बैठक में मुख्य भाषण देते हुए कहा कि भारत के ट्रैक रिकॉर्ड को मित्रों को विश्वास दिलाना चाहिए कि आने वाले वर्षों में यह उनका स्वाभाविक और सबसे विश्वसनीय सहयोगी होगा।

गोयल ने कहा कि जब हम साझा समृद्धि की बात करते हैं तो हमें यह याद रखना चाहिए कि “साझा प्रतिबद्धता के बिना साझा समृद्धि असंभव है”। उन्होंने कहा कि यह प्रतिबद्धता है जिसमें चुनौतियों के साथ-साथ अवसरों और जोखिमों के साथ-साथ पुरस्कारों को साझा करने पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि महामारी के कारण होने वाली सभी पीड़ा के बीच उम्मीद है। यह उम्मीद है राष्ट्रों के बीच एक दूसरे को मदद करने के लिए भाईचारे की बढ़ती भावना। उन्होंने कहा कि भाईचारे की इस भावना ने किसी और बात से अधिक एक मजबूत नींव रखी है, जिस पर हमें आशाजनक साझेदारी कायम करने का मौका मिलता है। गोयल ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को वैश्वीकृत विश्व का नया आर्थिक केंद्र बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 2015 में भारत-प्रशांत के लिए एक शब्द सागर में क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के लिए अपने दृष्टिकोण को व्यक्त किया था।

उन्होंने कहा कि इसे इस क्षेत्र के सभी राष्ट्रों के लिए मार्गदर्शक सिद्धांत के रूप में काम करना चाहिए, क्योंकि एक सुरक्षित और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र सभी के लिए शांति और समृद्धि प्रदान करता है। गोयल ने कहा कि जब दुनिया लचीली आपूर्ति की तलाश में होती है तो वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के पूर्व की ओर देखती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दुनिया केंद्रित और जोखिम भरी आपूर्ति श्रृंखलाओं से फिर से संगठित होने के लिए आगे बढ़ती है, इसलिए वे निवेश और विनिर्माण के अवसरों के लिए भारत पर भरोसा कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत पारदर्शी, भरोसेमंद और विश्वसनीय श्रृंखला सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की अवधारणा का समर्थन करता है। लचीली आपूर्ति श्रृंखला निर्माण की दिशा में एक दृढ़ कदम के रूप में सितंबर 2020 में शुरू की गई आपूर्ति श्रृंखला का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अन्य मित्र देशों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।