(ब्रेन की मुख्य धमनी के फूलने से खतरे में आ गया था मरीज)
सीएनएन सेंट्रल न्यूज़ एंड नेटवर्क–आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस /आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: बीएमएचआरसी के न्यूरोसर्जरी विभाग और रेडियोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने मिलकर हाई रिस्क ऑपरेशन किया । 60 वर्षीय एक बुजुर्ग पुरुष के मस्तिष्क के अतिसंवेदनशील हिस्से की धमनी एक हिस्सा गुब्बारे की तरह फूल गया था। इसकी वजह से उन्हें मिर्गी के दौरे आने लगे थे और जान भी जोखिम में आ गई थी। इस हिस्से में सर्जरी करना बहुत ज्यादा रिस्की था, लेकिन भोपाल स्मारक अस्पताल एवं अनुसंधान केंद्र (बीएमएचआरसी) के डॉक्टरों ने रेडियोलॉजिकल इन्टरवेंशन प्रक्रिया के जरिए मरीज का इलाज़ किया।
बीएमएचआरसी के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप सोरते ने बताया कि मरीज तेज सिर दर्द और मिर्गी के दौरे की शिकायत के साथ बीएमएचआरसी आया था। जांच के जरिए पता चला कि उनकी बाईं कैरोटेड आर्टरी का एक हिस्सा फूल गया है।

न्यूरो सर्जरी विभाग एसोसिएट प्रोफेसर डॉ सौरभ दीक्षित ने बताया कि रेडियोलॉजी विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ राधेश्याम मीणा के साथ मिलकर रेडियोलॉजिकल इंटरवेंशनल प्रक्रिया एंडोवस्क्युलर तकनीक का इस्तेमाल कर मरीज का ऑपरेशन किया। इस तकनीक में पैरों की नस से एक कैथेटर मस्तिष्क की कैरोटेड आर्टरी के प्रभावित हिस्से तक पहुंचाई गई और यहां एक विशेष तरह की सामग्री प्लैटिनम कॉइल के जरिए नस के फूले हुए हिस्से को भर दिया गया। मस्तिष्क की नस में एन्यूरिज्म होना बहुत गंभीर स्थिति होती है।
डॉ दीक्षित ने बताया कि शहर के चुनिंदा अस्पतालों में ही यह सुविधा उपलब्ध है। बीएमएचआरसी में भी पहली बार इस तरह का केश सफल हुआ