आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारतीय पैरा-एथलीटों ने शनिवार को इतिहास रच दिया। पहली बार 100 से मेडल जीते। हांगझोउ में चल रहे पैर एशियन गेम्स के छठे दिन दिलीप महदु गावित ने भारत के लिए 100वां मेडल जीता। उन्होंने टी-47 कैटेगरी के 400 मीटर दौड़ में 49.48 सेकेंड का समय लेकर गोल्ड जीता। इसके साथ ही भारत के 27 गोल्ड, 31 सिल्वर और 51 बॉन्ज मेडल हो गए हैं। इससे पहले भारत ने जकार्ता पैरा एशियन गेम्स में सबसे ज्यादा 72 मेडल जीत थे। जिसमें 15 गोल्ड, 24 सिल्वर और 33 ब्रॉन्ज मेडल जीते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी
पैरा एथलीटों के 100 मेडल जीतने पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा- एशियाई खेलों में 100 मेडल। यह खुशी का क्षण है। यह सफलता हमारे एथलीटों की प्रतिभा, कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम है।
गेम्स के पांचवें दिन शुक्रवार को भारत ने 7 गोल्ड, 6 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज समेत कुल 17 मेडल जीते। बिन बाजुओं की आर्चर शीतल देवी ने एशियन पैरा गेम्स में दो गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनीं।
छठे दिन भारत ने जीते 11 मेडल
छठे दिन यानी आखिरी दिन भारत को 11 मेडल मिले।
भारत को छठे दिन यानी आखिरी 11 मेडल मिले। जिसमें 3 गोल्ड, 2 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल शामिल है।
मेडल टैली में भारत
मेडल टैली में 111 मेडल के साथ भारत पांचवें स्थान पर है। चीन 520 मेडल के साथ पहले, ईरान 128 मेडल के साथ दूसरे और जापान 150 मेडल के साथ तीसरे स्थान पर है। जबकि कोरिया 103 मेडल के साथ चौथे स्थान पर है।
शीतल ने मिक्स्ड कंपाउंड इवेंट में जीते गोल्ड
शीतल ने विमेंस सिंगल्स कंपाउंड इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने के बाद कंपाउंड मिक्स्ड टीम इवेंट में भी गोल्ड जीता। जम्मू-कश्मीर की 16 वर्षीय खिलाड़ी के लिए मेडल की हैट्रिक है। दो गोल्ड के साथ उन्होंने मिक्स्ड कंपाउंड इवेंट में भी सिल्वर जीता। शीतल का जन्म फोकोमेलिया सिंड्रोम के साथ हुआ था, यह एक दुर्लभ जन्मजात विकार है जिसके कारण हाथ-पैर अविकसित रहते हैं।
अंकुर धामा इस सप्ताह की शुरुआत में एक ही संस्करण में दो स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने थे।