आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : भारत दो बार आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप का फाइनल हार चुका है। हालांकि, इसके बावजूद शायद ही कोई इस बात से इंकार कर पाएगा कि हमने चैम्पियनशिप के दोनों साइकल में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया। 2018 से 2022 के दौरान हमने न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में हराया बल्कि इंग्लैंड में 2-2 से सीरीज ड्रॉ की।
भारत ने विदेशी दौरों पर जीतने की आदत डाली। कोहली की कप्तानी में टेस्ट में भारतीय तेज गेंदबाजी में क्रांति आई। इस दौरान हमारे पास ऐसे पेसर थे, जो विरोधी को उनके मैदान पर आउट करने की काबिलियत रखते थे। 2018 से 2022 के बीच हमारे पेसर्स ने 23.96 की औसत से कुल 506 विकेट लिए।
इस दौरान टीम का औसत अन्य टीमों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ रहा। हालांकि, बुमराह के चोटिल होने के बाद तेज गेंदबाजी की धार में कुछ कमी आई। साथ ही, इशांत उम्र के कारण सलेक्शन की सूची से बाहर हो गए। उमेश भी 35 साल के हो चुके हैं। शमी (32 साल) 2022 के बाद भारतीय पेस यूनिट के लीडर बन गए। उनका साथ सिराज (29) दे रहे हैं। ऐसे में भारतीय टीम को भविष्य के मद्देनजर तेज गेंदबाजों की नई टुकड़ी तैयार करनी होगी।
2018 में बुमराह के डेब्यू से आया बदलाव
आईपीएल और सफेद गेंद की क्रिकेट में कमाल दिखाने के बाद 2018 में जसप्रीत बुमराह को टेस्ट कैप मिली। उनके डेब्यू के साथ ही वो भारतीय गेंदबाजी यूनिट के लीडर बन गए। बुमराह ने खासकर विदेशी मैदानों पर अच्छा प्रदर्शन किया।
बुमराह ने अपने टेस्ट करियर में 128 विकेट लिए हैं, जिसमें से 101 विकेट उन्होंने केवल SENA (दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) देशों में हासिल किए हैं। 2018-22 के बीच बुमराह ने ऑस्ट्रेलिया में 21.25 की औसत से 32 विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया में 10 या उससे ज्यादा विकेट लेने वाले गैर ऑस्ट्रेलियाई की तुलना में ये बेस्ट औसत है।
औसत के मामले में केवल स्कॉट बोलैंड (12.21) और पैट कमिंस (18.89) उनसे बेहतर हैं। इशांत शर्मा 23.81 की औसत के साथ टॉप-10 की सूची में है। वहीं, इंग्लैंड में इस दौरान 30 से ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों की सूची में इंग्लिश गेंदबाजों के अलावा केवल बुमराह और शमी का नाम शामिल है। दक्षिण अफ्रीका में मोहम्मद शमी 18.96 की औसत से विकेट लेते हैं। वे उस देश में सबसे अच्छी औसत से विकेट लेने वाले गैर अफ्रीकी गेंदबाज हैं।
रणजी में चार साल में 14 खिलाड़ियों ने 30+ विकेट लिए
रणजी में 2019 से अब तक 27 साल की उम्र तक के 14 खिलाड़ियों ने 30 या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं। इन खिलाड़ियों को भारतीय तेज गेंदबाजी के भविष्य के लिए तैयार किया जा सकता है। इस दौरान आकाश दीप ने सबसे ज्यादा विकेट (90) लिए हैं। 26 साल के आकाश आईपीएल में आरसीबी से खेलते हैं और लगातार 140 की रफ्तार से गेंद फेंक सकते हैं।
26 साल के आवेश खान और 27 साल के केवी शशिकांत ने 70 विकेट हासिल किए हैं। इशान पोरेल इस सूची में सबसे युवा (24 साल) हैं। उन्होंने इस दौरान 66 विकेट हासिल किए हैं। पोरेल अपनी सटीक गेंदबाजी और पिच से मिलने वाले अतिरिक्त उछाल के लिए जाने जाते हैं। ऐसे में भारत अगर लगातार इन्हें ग्रूम करता है तो बेहतर प्रदर्शन देखने को मिल सकता है।
54 विकेट लेने वाले 25 वर्षीय वैभव अरोड़ा ने आईपीएल में भी केकेआर से खेलते हुए सबका ध्यान आकर्षित किया था। हिमांशु सांगवान ने इस सूची में सबसे कम 19.13 की औसत के साथ 37 विकेट लिए हैं। वहीं, अतीत सेठ और सिमरजीत ने 35-35 विकेट हासिल किए हैं। सिमरजीत तेज गेंदबाजी करते हैं और सेठ एक बॉलिंग ऑलराउंडर हो सकते हैं। इन युवाओं को लाल गेंद के सेटअप में शामिल कर जल्द से जल्द तैयार किया जा सकता है।