16 जनवरी 2023 का दिन माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के इतिहास का सबसे एतिहासिक दिन होने वाला है । ये कहना है एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.केजी सुरेश का । आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक जैसे बड़े पद पर कार्य कर चुके देश प्रख्यात पत्रकार प्रो.सुरेश ने कहा कि 32 सालों के बाद विश्वविद्यालय पचास एकड़ भूमि में अपने स्वयं के बिशनखेड़ी स्थित सुविधायुक्त कैंपस में प्रवेश करेगा जो कि ऐतिहासिक क्षण होगा ।
विश्वविद्यालय के बिशनखेड़ी स्थित नवीन परिसर के बारे में कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि यह कैंपस 160 करोड़ की लागत से बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस परिसर के अंदर ही विद्यार्थियों के आवास एवं मैस की सुविधा है । परिसर के अंदर ही बालक छात्रावास है, जबकि दूसरी ओर बालिका छात्रावास है । दोनों ही छात्रावास में 75-75 कक्ष (कमरें) यानी कुल 150 कमरे हैं । इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के स्कालर्स को पीएचडी के कार्य में असुविधा न हो इसका भी ध्यान परिसर बनाते समय रखा गया है एवं इसके लिए अलग से एक हॉस्टल बनाया गया है, जिसमें कुल 23 कमरें हैं । प्रो. सुरेश ने कहा कि विश्वविद्यालय में ही प्रोफेसर्स, कर्मचारियों एवं अधिकारियों का भी विशेष ध्यान रखा गया है ताकि पढ़ाई एवं शासकीय कार्य सुचारु रुप से चल सके । इसके लिए परिसर में ही ए.बी.सी.डी.ई.एफ. श्रेणी के आवास क्वार्टर बनाए गए हैं ।
कुलपति प्रो. सुरेश ने बताया कि तीन-तीन मंजिला दो अकादमिक भवन हैं, जिनका नाम तक्षशिला एवं विक्रमशिला रखा गया है । पढ़ने के लिए यहां 70 क्लासरुम हैं जो कि चालीस सीटर हैं जबकि 13 कमरे ऐसे हैं जो चालीस सीटर हैं । वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए स्मार्ट क्लासरुम्स भी बनाए गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शहर में आवागमन के लिए विद्यार्थियों को बस की सुविधा भी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान की जा रही है । प्रो. सुरेश ने कहा कि अतिथि देवो भव: का पालन का करते हुए हमने अतिथियों, आगंतुकों के रुकने ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त एक बड़े अतिथि ग्रह का निर्माण भी परिसर में करवाया है ।
कुलपति प्रो. सुरेश ने विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं अन्य विषयों की 40 हजार से ज्यादा पुस्तकों के विशाल नालंदा पुस्तकालय के बारे में बताते हुए कहा कि यह देश का एकमात्र ऐसा पत्रकारिता विश्वविद्यालय हैं जहां इतनी अधिक संख्या में पत्रकारिता एवं जनसंचार की पुस्तकें हैं । उन्होंने कहा कि प्रकृति की गोद में हरियाली व हरीतिमा से परिपूर्ण इस परिसर में प्राकृतिक हवा जहां सदैव चलेगी,