आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में सभी नागरिकों को पक्का मकान मिलेगा। कोई परिवार बिना छत के नहीं रहेगा। आवास प्लस में जो लोग शामिल नहीं हैं उन हितग्राहियों को भी योजना में शामिल किया जाएगा, मुख्यमंत्री जन आवास योजना बनाई जाएगी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना में बचे हुए परिवारों को भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें उपचार की सुविधा मिल सके। जो परिवार इनकम टैक्स नहीं देते या अन्य किसी माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ नहीं लेते उन सभी परिवारों को आयुष्मान योजना सम्मिलित किया जाएगा। मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना में 3 करोड़ 50 लाख से अधिक नाम जोड़े गए हैं। मध्यप्रदेश में लोकतंत्र की परिभाषा जनता का जनता के लिए और जनता द्वारा शासन को सही अर्थों में जीवंत किया गया है। मुख्यमंत्री जन सेवा मित्र, जनता और सरकार के बीच का काम करते हैं। इन्हें प्रत्येक 50 परिवारों पर दायित्व दिया जाएगा। प्रदेश में करीब 3 लाख युवाओं को इस दायित्व से जोड़ेंगे। प्रदेश का कोई भी कोना या कोई भी दिशा विकास से वंचित न रहे, इसके लिए केन्द्र के साथ राज्य की डबल इंजन सरकार सच्चे अर्थों में रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म करने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान का संबोधन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नागरिकों को 77 वें स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन भारत को एक सूत्र में जोड़ने का दिन है। यह शहीदों के बलिदान के यशगान का दिन है। ये 140 करोड़ भारवासियों की मुस्कान का दिन है। भारत का इतिहास सिर्फ 76 साल पुराना इतिहास नहीं, बल्कि हजारों साल का पुराना ज्ञात इतिहास है। जब दुनिया में सभ्यता का सूर्योदय नहीं हुआ था, तब भारत में नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय संचालित थे। भारत की धरती ने सत्यमेव जयते का उद्घोष किया। जियो और जीने दो के सिद्धांत में भारत का विश्वास रहा है। ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ का भाव और समूचे विश्व का कल्याण भारत के दर्शन में रहा है। सभी के सुखी और निरोगी होने की कामना करते हुए भारत की आत्मा कभी मरी नहीं। बाहरी आक्रमणों के कारण देश गुलामी का शिकार हुआ। इसके बाद आजादी का संघर्ष शुरू हुआ तब नाना साहब पेशवा, मंगल पाण्डे, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से लेकर वासुदेव फड़के, रासबिहारी बोस, लाल-बाल-पाल के रूप में जाने गए लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, विपिनचंद्र पाल और फिर मदन मोहन मालवीय और महात्मा गांधी तक सभी ने वतन के लिए मरने-मिटने का कार्य किया। कई क्रांतिकारी जैसे भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाषचंद्र बोस, वीर सावरकर ने कड़ी सजाएँ भोगी और फांसी के फंदे पर चढ़ते हुए क्रांतिकारियों के पाँव नहीं काँपे। अशफाक उल्लाह खान, सुखदेव, उधम सिंह और अनेक क्रांतिवीरों ने भारत माता के उद्घोष के साथ जीवन का बलिदान दिया। ऐसे प्रयासों से भारत आजाद हुआ। इसके साथ ही देश के विभाजन की विभीषिका भुलाए नहीं भूलती। राष्ट्र के टुकड़े हो गए। कश्मीर की आजादी के लिए सेना लड़ रही थी। लेकिन युद्ध विराम हुआ और धारा-370 जैसे प्रावधानों से दो विधान, दो निशान और दो प्रधान की बात सामने आयी। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने गौरवशाली, वैभवशाली और सम्पन्न भारत के निर्माण के लिए गत 9 वर्ष में अनेक ऐतिहासिक कार्य किए हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल जी ने भी कहा था कि भारत सिर्फ जमीन का टुकड़ा नहीं है। भारत एक जीता-जागता राष्ट्र पुरुष है। यह वीरों और ऋषियों की भूमि है। हमें राष्ट्र के लिए ही जीना-मरना है। दाह संस्कार के बाद हमारी राख भी गंगा में प्रवाहित होगी तब भी आवाज आएगी भारत माता की जय।