आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : वर्ल्ड यूथ स्किल्स डे के अवसर पर स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी (एसजीएसयू) एवं आईसेक्ट के संयुक्त तत्वावधान में पांच दिवसीय कौशल चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। इसके तहत शनिवार को मिसरोद स्थित स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी में “फ्यूचर स्किल्स एंड फ्यूचर ऑफ वर्कफोर्स” विषय पर प्रधानमंत्री ऑफिस में पूर्व बिग डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विशेषज्ञ अतुल त्रिपाठी द्वारा मुख्य वक्तव्य दिया गया। इसके साथ ही कार्यक्रम में एक पैनल डिस्कशन का भी आयोजन हुआ जिसमें टीएएफई के हैड एचआर पार्थसारथी बसु एवं एएआईएम के प्रेसिडेंट राजीव अग्रवाल द्वारा कौशल विकास के बदलते परिदृश्य पर विचार व्यक्त किए गए। कार्यक्रम के पहले सत्र में अतुल त्रिपाठी ने अपनी बात रखते हुए डाटा के महत्व और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की फील्ड में डाटा के उपयोग पर चर्चा करते हुए बताया किस प्रकार इस क्षेत्र में नई जॉब पॉजीशन्स उत्पन्न हो रही हैं और इस डेटा के आधार पर टेक्नोलॉजी कंपनियां अपने बिजनेस को बदल रही हैं। उन्होंने बताया किस प्रकार गूगल हमसे ही डेटा लेता है और उसके बाद हमें ही एड दिखाकर आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बन गई है। उन्होंने बताया आज डाटा की मदद से मशीन लर्निंग हो रही है और बेहतर एआई तैयार हो रहा है जो कई बार प्रदूषण से बचाता है तो कई बार बिजनेस को बेहतर बनाने में मदद करता है। उन्होंने छात्रों, टीचर्स एवं युवाओं से अपील भी की कि सभी को इंटरनेट कम्यूनिकेशन टेक्नोलॉजी का बेसिक जानकार जरूर होना चाहिए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि एआई सभी कार्य करने में सक्षम नहीं है ऐसे में मनुष्य की जरूरत हमेशा रहेगी। मनुष्यों की रचनाशीलता, अंतर व्यावहारिक कुशलता जैसी चीजें उन्हें अलग बनाती है।
वहीं कार्यक्रम के दूसरे सत्र पैनल डिस्कशन में टीएएफई के हैड एचआर पार्थसारथी बसु ने इंडस्ट्री-एकेडमिया कोलेब्रेशन पर बात की। उन्होंने बताया कि तकनीक लगातार बदल रही है ऐसे में नई टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण का अत्यधिक महत्व है। स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी के पास अच्छा मौका है जो कौशल विकास से संबंधित कमियो को दूर कर सकती है।
एएआईएम के प्रेसिडेंट राजीव अग्रवाल ने अपने वक्तव्य में कौशल प्रशिक्षण के क्षेत्र की चुनौती पर बात करते हुए कहा कि तकनीक लगातार बदल रही है। ऐसे में जब तक पुरानी तकनीक का कौशल छात्रों को प्रदान किया जाता है तब तक इंडस्ट्री सेक्टर नई तकनीक को अपना लेता है। ऐसे में हमेशा इंडस्ट्री आगे चलती है और शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान देर से नई तकनीक का प्रशिक्षण प्रदान करता है और पीछे हो जाती है। आगे उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जरूरत है इंडस्ट्री-एकेडमिया के एक साथ चलने की। इसके लिए इंडस्ट्रीज की पार्टनरशिप के साथ कोर्सेज बनाकर नई कौशल वर्कफोर्स तैयार की जा सकती है। इसमें स्कोप ग्लोबल स्किल्स यूनिवर्सिटी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।