आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : यशस्वी जायसवाल ने डेब्यू टेस्ट में अपनी सेंचुरी माता-पिता को डेडिकेट की। वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में शतक लगाने के बाद 21 साल के भारतीय ओपनर बोले, ‘काफी इमोशनल मोमेंट था मेरे लिए, मैं इसे अपने माता-पिता को डेडिकेट करना चाहूंगा। बैटिंग अब भी जारी है, डबल सेंचुरी का नहीं सोच रहा, टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने का फोकस है।’

रोहित से क्या बातें हुईं

‘बैटिंग के वक्त रोहित भैया (रोहित शर्मा) के साथ काफी बात हुई। गेम से पहले भी उन्होंने मुझे मोटिवेट किया कि ये पिच मेरे ही लिए है, मैं यहां रन बना सकता हूं। उसी हिसाब से मैं भी प्रिपेयर्ड था।’

भारत और वेस्टइंडीज के बीच डोमिनिका में पहला टेस्ट मैच 12 जुलाई से खेला जा रहा है। गुरुवार देर रात यशस्वी ने मैच के दूसरे दिन शतक लगाया। वह 143 रन बनाकर दिन का खेल खत्म होने तक नॉटआउट रहे। खेल खत्म होने के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए।

जानते हैं यशस्वी की कही गईं अहम बातें…

सेंचुरी और माता-पिता ‘सेंचुरी लगाना मेरे लिए काफी इमोशनल मोमेंट था। परिवार और जिन लोगों ने भी मुझे सपोर्ट किया, उन सभी को मैं थैंक्यू बोलना चाहूंगा। मेरी जर्नी (सफर) काफी लम्बी रही, मुझे यहां तक पहुंचाने में कई लोगों का सपोर्ट रहा। मैं अपने मां-बाप को ये सेंचुरी डेडिकेट करना चाहूंगा, मेरे करियर में उनका बहुत बड़ा योगदान रहा।’

डबल सेंचुरी ‘बैटिंग जारी है, कोशिश यही रहेगी कि मैं टीम के लिए जितना लम्बा हो सके उतना खेलता रहूं। ये मेरे करियर का स्टार्ट ही है, कोशिश तो यही है कि अपने आप को आगे भी फोकस और डिसिप्लीन में रख सकूं। आगे भी मेरी कोशिश रहेगी कि टीम को कैसे अच्छा स्टार्ट दिलाऊं। पर्सनल स्कोर से ज्यादा टीम के लिए अच्छा करने पर ध्यान दे रहा हूं।’

विदेश में डेब्यू पर यशस्वी ने सबसे बड़ा स्कोर बनाया

विराट के साथ बैटिंग ‘सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलने से बहुत फर्क पड़ता है। जिन्हें खेलते हुए देखकर बड़े हुए, उन लेजेंड्स के साथ बैटिंग करना अच्छा लगता है। उनके साथ बात कर पता लगता है कि जीवन में बहुत सारी इम्प्रूवमेंट करनी है। मुझे लगता है ये बस एक स्टार्ट है।’

प्रोसेस और डिसिप्लिन ‘खुद को हर सिचुएशन के लिए मेंटली प्रिपेयर रखने की कोशिश करता हूं। फिटनेस बहुत इम्पॉर्टेंट है। डाइट और डिसिप्लिन फॉलो करता हूं, कोशिश रहती है कि शेप में बना रहूं। हर फॉर्मेट के हिसाब से अलग प्रैक्टिस करता हूं। कोशिश तो हमेशा ही मैच विनिंग नॉक खेलने की रहती है।’

वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप

विराट के साथ बैटिंग ‘सीनियर खिलाड़ियों के साथ खेलने से बहुत फर्क पड़ता है। जिन्हें खेलते हुए देखकर बड़े हुए, उन लेजेंड्स के साथ बैटिंग करना अच्छा लगता है। उनके साथ बात कर पता लगता है कि जीवन में बहुत सारी इम्प्रूवमेंट करनी है। मुझे लगता है ये बस एक स्टार्ट है।’

प्रोसेस और डिसिप्लिन ‘खुद को हर सिचुएशन के लिए मेंटली प्रिपेयर रखने की कोशिश करता हूं। फिटनेस बहुत इम्पॉर्टेंट है। डाइट और डिसिप्लिन फॉलो करता हूं, कोशिश रहती है कि शेप में बना रहूं। हर फॉर्मेट के हिसाब से अलग प्रैक्टिस करता हूं। कोशिश तो हमेशा ही मैच विनिंग नॉक खेलने की रहती है।’

वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की सबसे बड़ी ओपनिंग पार्टनरशिप

रोहित-जायसवाल ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के लिए सबसे बड़ी ओपनिंग साझेदारी का रिकॉर्ड भी तोड़ा। यह रिकॉर्ड संजय बांगर और वीरेंद्र सहवाग (201 रन) ने 2002 में बनाया था।