आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/ आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल: मध्यप्रदेश के नगरीय शहरों में सड़कों पर दौड़ने वाली सिटी बसों में सफर करना कॉलेज जाने वाले स्टूडेंट्स को महंगा साबित हो रहा है। दरअसल, छात्र-छात्राओं को रियायती दरों मिलने वाले स्मार्ट पास की व्यवस्था को सरकार ने निष्क्रिय कर दिया है। ऐसे में अब राजधानी भोपाल के साथ साथ प्रदेश के अन्य शहरों के हजारों-लाखों निम्न आयवर्ग के घरों से आने वाले छात्र-छात्राएं परेशान हैं एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार के साथ छात्र-छात्राओं ने इस संबंध में पालिका भवन पहुंच कर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के कमिश्नर के नाम नगरीय प्रशासन विभाग के सहायक संचालक भविष्य खाब्रागड़े को ज्ञापन सौंपा कर मध्यप्रदेश में नगरीय सेवा में संचालित बस में छात्र छात्राओं के लिए रियायती पास की व्यवस्था कराने की गुहार लगाई है।

इस मौके पर एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार ने कहा, “यह बड़े शर्म की बात है कि शहर में गरीब परिवारों से आने वाले छात्र-छात्राएं आज पैदल कई किलोमीटर चलकर कॉलेज जाने को मजबूर हैं। कर्ज लेकर घी पीने वाले मामा को भांजे-भांजियों की जरा भी चिंता नहीं है। शिवराज का बेटा करोड़ों के कार में घूमे और आम लोगों के लिए रेड बस भी नसीब नहीं? भोपाल के स्टूडेंट्स के साथ ये अन्याय है। कॉरपोरेट मित्रों के लिए पानी की तरह जनता के पैसे बहाने वाली सरकार आज तीन साल से रियायत पर बस पास भी नहीं दे पा रही है। शिवराज जी छात्र-छात्राओं की हाय लेकर कहां जाओगे”?