भोपाल । अघोषित तौर पर खंडवा लोकसभा उपचुनाव की तैयारियों का आगाज हो गया है। कांग्रेस की ओर से अरूण यादव का नाम लगभग तय माना जा रहा है, वहीं भाजपा में अंदर ही अंदर रस्साकशी शुरू हो गई है। भाजपा यहां से दमदार उम्मीदवार के नाम पर विचार कर रही है। यहां पर टिकट के लिए मुख्य मुकाबला पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस, वरिष्ठ नेता कृष्णमुरारी मोघे और दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष चौहान के बीच है। वहीं पार्टी किसी नए चेहरे की तलाश में है। इसके लिए पार्टी में लगातार मंथन चल रहा है।
हालांकि भाजपा सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हर्ष चौहान को उम्मीदवार बनाने के पक्ष में हैं। मोघे जैसे कद्दावर नेता संघ के भरोसे यहां से दावेदारी कर रहे हैं। मोघे पहले खरगोन से सांसद रह चुके हैं, इसका लाभ भी उन्हें मिल रहा है। चिटनीस दिल्ली में हाईकमान से अपने संबंधों के आधार पर टिकट मिलने का दावा कर रही हैं। चिटनीस की बुरहानपुर, नेपानगर में अच्छी पैठ है और वे नंदू भैया के दिवंगत होने के बाद से सभी विधानसभा क्षेत्रों में लगातार सक्रिय रही हैं।
भाजपा और कांग्रेस का पूरा फोकस खंडवा पर
मप्र में खंडवा के अलावा तीन विधानसभा सीटों जोबट (आलीराजपुर जिला), पृथ्वीपुर (निवाड़ी जिला) और रैगांव (सतना जिला) पर उपचुनाव होना है। लेकिन भाजपा और कांग्रेस का पूरा फोकस खंडवा पर है। खंडवा लोकसभा उपचुनाव में जहां चिटनीस, मोघे और हर्ष अपनी दावेदारी मजबूत कर रहे हैं, वहीं हरसूद विधायक और मंत्री विजय शाह भी लोस उपचुनाव में पत्नी पूर्व महापौर भावना शाह को टिकट दिलाने के प्रयास में जुटे हैं जबकि लोस उपचुनाव में टिकट मांगने वालों में भाजपा से टिकट पर विभिन्न चुनाव में हारे व संगठन में सक्रिय नेताओं की लंबी लिस्ट है। इधर पार्टी जिन नए चेहरों पर विचार कर रही है, उनमें बुरहानपुर निवासी ज्ञानेश्वर पाटिल का नाम सामने आया है। पिछड़ा वर्ग के पाटिल जिला पंचायत खंडवा के अध्यक्ष रह चुके हैं। इनके अलावा राजपाल सिंह तोमर की भी मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। ये जिला पंचायत के अध्यक्ष रहे हैं। कृषि मंडी के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर का भी नाम संगठन के पास आया है। दरअसल, यहां कांग्रेस से पूर्व सांसद अरुण यादव की दावेदारी काफी मजबूत है। भाजपा इस सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई मजबूत प्रत्याशी उतारना चाहती है।
अरुण की रणनीति पर संगठन कर रहा नियुक्तियां
प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव की खंडवा लोकसभा में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवारी लगभग तय मानी जा रही है। पार्टी ने उन्हें इसके संकेत दे दिए हैं। इसके साथ ही उनके अनुसार क्षेत्र के संगठन में नियुक्तियां शुरू कर दी गई है। जल्द ही निचले स्तर पर भी उनके समर्थकों को नियुक्तियां दिए जाने की तैयारी है। सूत्रों की मानी जाए तो खंडवा उपचुनाव के लिए प्रत्याशी चयन को लेकर सर्वे हो चुका है। इसमें अरुण यादव का नाम उभर कर सामने आया है। इस सर्वे के बाद यादव को यहां से उम्मीदवार बनाए जाने का पार्टी के आला नेताओं ने मन बना लिया है। इस संबंध में कुछ दिनों पूर्व अरुण यादव की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से दिल्ली में मुलाकात हुई थी, ऐसा माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद अब अरुण यादव को खंडवा उपचुनाव लडऩे को लेकर हरी झंडी मिल गई है।
हाल ही में अरुण यादव के समर्थक असद उद्दीन को खंडवा लोकसभा के लिए सोशल मीडिया विभाग का प्रभारी बनाया गया है। ऐसा बताया जाता है कि अब अरुण यादव के अनुसार ही मंडलम और सेक्टर में कुछ पदाधिकारियों की भी नियुक्तियां की जाना है। यादव ने भी प्रदेश भर से अपने समर्थकों को क्षेत्र में सक्रिय करने की तैयारी कर ली है।
तीन बार बन चुके हैं उम्मीदवार
अरुण यादव खंडवा लोकसभा से तीन बार कांग्रेस के उम्मीदवार बन चुके हैं। वर्ष 2009 में पहली बार उन्हें इस सीट से टिकट मिला था, वे चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री भी बने थे। इसके बाद उन्हें 2014 और 2019 में भी इस सीट से टिकट मिला था। खंडवा लोकसभा से पहले वे खरगौन सीट से सांसद रह चुके हैं।