आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार किसानों के लिए खेती को लाभ का धंधा बनाने की मुहिम और प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल के भागीरथी प्रयासों से अब प्रदेश का किसान अपनी फसल एमएसपी के बजाय एमआरपी पर बेचकर उद्योग लगाकर उद्योगपति बनने जा रहा है। जिसकी शुरुआत प्रदेश के हृदय जिले हरदा से होने जा रही है।
कृषि मंत्री कमल पटेल जब गांवो में किसानों की चौपाल लगाकर किसानों को उनकी फसल का दाम एमआरपी पर दिलाने की बात करते थे ।तब लोग दांतो तले उंगलियां दबाकर सोचने लगते थे पटेल ऐसा कैसे कर पाएंगे? और यह कैसे संभव है!
कृषि मंत्री कमल पटेल प्रदेश के साथ देशभर में किसानों के लिए नए नवाचारों को गढ़ने में लगे रहते हैं। वे अक्सर कहते हैं कि मैं कृषि मंत्री बाद में हूं ।पहले किसान हूं और किसानों का दर्द मैं भली-भांति जानता हूं। मेरा लक्ष्य है कि हमारा देश का किसान खेती करने के साथ-साथ उद्योगपति बने।
असंभव को संभव करने का किसानों को बीज मंत्र देने वाले किसान नेता कमल पटेल ने अपनी इस बात को हरदा जिले में धरातल पर उतारा है। हरदा जिले के सुल्तानपुर में उनके प्रयासों से 100 एकड़ जमीन में फूड पार्क बनने जा रहा है। फूड पार्क में किसानों के एफपीओ समूह, किसानों की समितियां और स्थानीय किसानों के संगठन और उद्योग घराने सरकार की मदद से वहा पर उद्योग इकाइयां स्थापित करेंगे।
कृषि मंत्री कमल पटेल को अपने पूरे सरकारी हमले के साथ सुलतानपुर पहुंचे। जहा पर अधिकारियों के साथ फूड पार्क विकसित होने वाली जमीन का निरीक्षण किया और आवश्यक निर्देश दिए।
कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि फूड पार्क बनाने की मैंने घोषणा की थी ।जमीन की तलाश जारी थी। इसी बीच सुल्तानपुर में नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण की लगभग 100 एकड़ से ज्यादा जमीन नर्मदा विस्थापितों के लिए आरक्षित की गई थी। लेकिन वहा पर कोई भी आया नहीं। फिर मैंने नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के साथ राजस्व और उद्योग विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। सहमति बनने के बाद जमीन उद्योग विभाग को हस्तांतरित करते हुए फूड पार्क बनाने के लिए आरक्षित की गई है। जमीन हस्तांतरित होने के बाद अब यहा फूड पार्क का निर्माण कराया जा रहा है। मंत्री बताते हैं कि किसान एफपीओ, उनकी समितियां और किसान संगठनो के माध्यम से यहा फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाए जाएंगे।