आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : एम्स भोपाल में मेलियोइडोसिस निदान पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक आयोजित किया गया । कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य में इस संक्रमण की स्थानिकता के बारे में मध्य प्रदेश में नैदानिक डॉक्टरों और नैदानिक माइक्रोबायोलॉजिस्ट के बीच जागरूकता बढ़ाना है ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जीएमसी भोपाल, एलएनएमसी भोपाल, एमजीएमसी इंदौर, जीआरएमसी ग्वालियर और अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज इंदौर सहित मध्य प्रदेश के प्रमुख सरकारी और निजी अस्पतालों के प्रतिष्ठित नैदानिक संकाय और माइक्रोबायोलॉजिस्ट ने भाग लिया । इसके अलावा, भारत भर के विभिन्न संस्थानों के संकायों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक और सीईओ अजय सिंह रहे । उन्होंने इस उपेक्षित बीमारी को राज्य में पहचान मिलते देख संतोष व्यक्त किया । उन्होंने मध्य प्रदेश में इस संक्रमण की मौजूदगी पर चिंता भी जताई । प्रोफेसर सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भविष्य के अनुसंधान प्रयासों को न केवल निदान बल्कि इस घातक बीमारी की रोकथाम की दिशा में भी निर्देशित किया जाना चाहिए ।
प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा वित्त पोषित बाह्य परियोजनाओं के तहत आयोजित किया गया था और इसे एम्स भोपाल में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में एसोसिएट आयुष गुप्ता ने संचालित किया । आईसीएमआर के महामारी विज्ञान और संचारी रोग प्रभाग से वैज्ञानिक एफ हरप्रीत कौर ने नई दिल्ली से वस्तुतः इस कार्यक्रम में भाग लिया। कौर ने मेलियोइडोसिस के मामलों के प्रबंधन और इस घातक बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने में एम्स भोपाल के चिकित्सकों और माइक्रोबायोलॉजिस्ट के प्रयासों पर संतुष्टि व्यक्त की । मेलिओइडोसिस एक बहुप्रणालीगत संक्रामक रोग है जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैलेई जीवाणु के कारण होता है ।