आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : पिछले 8-10 दिनों से फिल्म आदिपुरुष को लेकर काफी विवाद है। खराब डायलॉग्स के कारण फिल्म को बैन करने की मांग भी हो रही है। वैसे, धार्मिक फिल्मों और विवादों का ये रिश्ता नया नहीं है। दशकों से ऐसी फिल्में बनती आ रही हैं। आज हम आपको ऐसी ही एक फिल्म के बनने और उसके बाद हुए विवादों की अनसुनी दास्तान बताएंगे, जो अपने समय की सबसे महंगी, सबसे ज्यादा कमाई करने वाली और सबसे विवादित फिल्म रही।
ये थी हॉलीवुड फिल्म बेन-हर। इस फिल्म पर धर्मांतरण और क्रिश्चियनिटी के प्रचार का आरोप लगा। चीन, फिलिस्तीन के साथ कई अरब देशों ने फिल्म को बैन कर दिया, आज भी बैन ही है। इस फिल्म ने 11 ऑस्कर जीते। फिल्म की मेकिंग पर भारी खर्च किया गया। फिल्म के लिए हजारों महिलाओं और पुरुषों ने अपने बाल दान किए ताकि कलाकारों के असली विग बनाए जा सकें। एक रेस सीन शूट करते हुए एक स्टंट मैन की मौत भी हो गई, इस सीन को आज भी सिनेमा इतिहास का सबसे बेहतरीन एक्शन सीन माना जाता है।
तो…आज अनसुनी दास्तानें में कहानी इसी फिल्म बेन-हर के बनने और बैन होने की-
1960 का दौर, फिल्म और उसकी कहानी
ये वो दौर था, जब दुनियाभर में दो ही तरह की फिल्में ज्यादा बन रही थीं। पहली धार्मिक और दूसरी प्रेम कहानियों पर। अमेरिका से लेकर भारत तक इसी तरह की फिल्मों का दौर था।
बेन-हर काल्पनिक फिल्म थी। बेन-हर का अर्थ है आजाद इंसान। दरअसल, ये 1880 में लिखे गए एक नॉवेल “बेन हरः ए टेल ऑफ क्राइस्ट” की कहानी पर बनी। ये कहानी बेन हर नाम के ऐसे योद्धा की थी, जो रोमन साम्राज्य के खिलाफ आवाज उठाता है, युद्ध लड़ता है और आखिर में वो कन्वर्ट होकर क्रिश्चियन बन जाता है, क्योंकि युद्ध में घायल होने पर उसकी जान जीसस क्राइस्ट ने बचाई थी। इस कहानी पर 1925 में अमेरिका में एक साइलेंट फिल्म बन चुकी थी। इसी कहानी पर MGM स्टूडियो ने एक भव्य फिल्म बनाने की तैयारी की।
कहानी शुरू करने से पहले फिल्म बेन-हर से जुड़ी कुछ अहम बातें-
फिल्म अनाउंसमेंट के चंद महीनों बाद ही स्टूडियो भारी घाटे में आ गया और फिल्म टल गई। लगातार कर्ज बढ़ने के बाद स्टूडियो ने अपनी सारी जमा-पूंजी लगाकर फिल्म बनाने का निर्णय लिया। फिल्म का बजट शुरुआत में 7 मिलियन डॉलर रखा गया था, हालांकि जब काम शुरू हुआ तो बजट डबल हो गया।
फिल्म के लिए हायर किया गया दुनिया का सबसे महंगा डायरेक्टर
कई स्क्रिप्ट राइटर को 550 पन्नों की नॉवेल को स्क्रिप्ट का रूप देने के लिए हायर किया गया। फिल्म के लिए डायरेक्टर सिडनी फ्रेंक्लिन को रखा गया, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फिल्म छोड़नी पड़ी। अब प्रोडक्शन परफेक्शन की चाहत में 1925 की ओरिजिनल फिल्म बेन-हर के 30 असिस्टेंट डायरेक्टर में से एक विलियम वायलर को ऑनबोर्ड लाया।
शुरुआत में स्क्रिप्ट से नाखुश होने पर विलियम ये फिल्म डायरेक्ट नहीं करना चाहते थे। विलियम को राजी करने के लिए प्रोडक्शन ने उन्हें 3,50,000 डॉलर फीस के साथ 3% प्रॉफिट शेयर देने का वादा किया था। इसी के साथ विलियम इतनी फीस लेकर उस जमाने में दुनिया के सबसे महंगे डायरेक्टर बने।
कैसे हुई 50 हजार से ज्यादा लोगों की कास्टिंग
1957 में फिल्म बेन-हर की कास्टिंग शुरू हुई। रोम में 50 हजार लोग को फिल्म में भीड़ बनने के लिए साइन किया गया। इसके अलावा डायलॉग बोलने के लिए 365 लोग कास्ट किए गए। 45 कैरेक्टर आर्टिस्ट भी अलग से साइन किए गए।