आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल:  बीआर चोपड़ा की महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले एक्टर गजेंद्र चौहान भी आदिपुरुष पर बरस पड़े हैं। गजेंद्र ने कहा कि उन्होंने फिल्म के लिए टिकट भी खरीद लिया था, लेकिन अंतिम मौके पर अपना मन बदल लिया।

गजेंद्र का कहना है कि मनोज मुंतशिर ने जो डायलॉग्स लिखे हैं, वो उनकी गिरी हुई सोच का नतीजा है। उन्होंने हर जगह से डायलॉग्स कॉपी किए उसके बाद उसे एक साथ मिलाकर सब खराब कर दिया। गजेंद्र ने कहा कि उन्होंने फिल्म इसलिए नहीं देखी क्योंकि वे अपनी भावनाओं के साथ समझौता नहीं करना चाहते थे।

अंतरात्मा से आवाज उठी और फिल्म देखने नहीं गया

गजेंद्र चौहान फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट के पूर्व चेयरमैन भी रह चुके हैं। इंडिया टुडे से बात करते हुए उन्होंने कहा- मैंने इस फिल्म को देखने के लिए टिकट बुक किया था, लेकिन मेरी अंतरात्मा से एक आवाज उठी कि मुझे ये फिल्म नहीं देखनी चाहिए।

मैंने फिल्म के ट्रेलर और छोटी-छोटी क्लिप में देख कर जान लिया था कि ये फिल्म देखने लायक नहीं है। मैं भगवान राम को उन्हीं के रूप में देखना चाहता हूं।

मनोज मुंतशिर एक अहंकारी आदमी है- गजेंद्र

फिल्म मेकर्स की आलोचना करते हुए गजेंद्र चौहान ने आगे कहा- मुझे समझ नहीं आ रहा है कि किस सोच के तहत इसके डायलॉग्स लिखे गए हैं। ये एक गिरी हुई सोच का नतीजा है।

आप जैसा सोचते हैं कि वैसा ही लिखते हैं। मनोज मुंतशिर एक अहंकारी आदमी है। राही मासूम रजा साहब ने महाभारत में जैसे डायलॉग्स लिखे हैं, मनोज ने उसका एक इंच हिस्सा भी हासिल नहीं किया है।

बता दें कि महाभारत की पटकथा और डायलॉग्स प्रसिद्ध साहित्यकार राही मासूम रजा ने लिखे थे। बीआर चोपड़ा ने राही मासूम रजा से डायलॉग्स लिखवाने का फैसला लिया तो उनका विरोध भी हुआ था। बीआर चोपड़ा के ऑफिस में कुछ चिट्टियां पहुंची जिसमें लिखा था कि क्या आपको कोई हिंदू लेखक नहीं मिल सकता था।

बीआर चोपड़ा ने सभी चिट्टियां राही मासूम रजा को पहुंचाया। जबकि पहले ही मना कर चुके राही मासूम रजा ने चिट्टियां पढ़ने पर उनको गहरा असर हुआ । उन्होंने ठान लिया कि महाभारत की पटकथा अब वही लिखेंगे क्योंकि उनसे बेहतर भारत के सांस्कृतिक परंपराओं को कोई और नहीं समझ सकता।