आईटीडीसी इंडिया ईप्रेस/आईटीडीसी न्यूज़ भोपाल : इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय क्षेत्रीय केन्द्र भोपाल द्वारा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संसथान (AIIMS ) भोपाल पर स्वस्थ्य सेवाओ सम्बंधित पाठ्यक्रम संचालित करने हेतु, इग्नू का अध्ययन केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। इस तारतम्य में, इग्नू एवं एम्स के मध्य आज अध्ययन केंद्र प्रारंभ करने हेतु एक समझौता ज्ञाप हस्ताक्षरित किआ गया एवं शीघ्र अन्य औपचारिकताओ को पूर्ण कर अध्धयन केंद्र स्थापित करने के प्रसताव को इग्नू मुख्यालय प्रेषित किया जायेगा
समारोह में एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह ने इग्नू द्वारा संचालित स्वस्थ्य सम्बंधित पाठ्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा की इग्नू चिकित्सको एवं अन्य स्वस्थ्य से जुड़े हुए लोगो को अपने कौशल विकास करने का अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा की एम्स में अध्ययन केंद्र स्थापित होने से हॉस्पिटल मॅनॅग्मेंट, जराचिकित्सा, सवास्थ्य सम्बंधित कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयो में अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। बिनि टॉम्स, वरिष्ठ क्षेत्रीय निदेशक इग्नू ने बताया कि एम्स भोपाल में पूर्व में एक कार्यक्रम अधययन केंद्र संचालित किआ जा रहा था | जहा पर चिकित्सको के लिए अतयंत प्रतिष्ठित पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन मेडिकल डिजास्टर मैनेजमेंट संचालित किआ जा रहा था, परन्तु नए अध्ययन केंद्र स्थापित होने से अब 11 अतिरिक्त पाठ्यक्रमों को संचालित किया जायेगा, जिनमे से प्रमुख है हॉस्पिटल एंड हेल्थ मैनेजमेंट, मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ, जेरिएट्रिक मेडिसिन, मैटरनल एंड चाइल्ड हेल्थ नर्सिंग समेत अन्य 06 माह के स्वस्थ्य सेवाओं सम्बंधित सर्टिफिकेट कार्यक्रम संचालित किये जायेंगे, जो युवाओ को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेंगे। क्षेत्रीय निदेशक ने एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक अजय सिंह के कुशल दिशा निर्देशन में इग्नू अधययन केंद्र स्थापित एवं संचालित करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा की भोपाल को स्वस्थ्य सेवाओं के क्षेत्र आवश्यक कौशल को विकसित करने के लिए एक स्किल हब बनाने का प्रयास किया जायेगा एवं एम्स की भूमिका प्रक्षिक्षण प्रदान करने में अतयंत महत्वपूर्ण होगी। युवाओ को होम बेस्ड केयर, फ्लॉबोटॉमी, जराचिकित्सा देखभाल, स्वस्थ्य कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयो का ज्ञान एवं प्रशिक्षण प्रदान करते हुए, इग्नू एवं एम्स ऐसे कौशलयुक्त युवा शक्ति का सृजन करेगा जिससे स्वस्थ्य क्षेत्र की आवश्यकताओं को पूर्ण किआ जा सके|