नई दिल्ली । बिजली की व्यस्त समय की अधिकतम मांग या एक दिन में सबसे ऊंची आपूर्ति पहली अप्रैल को एक साल पहले की समान अवधि की तुलना में 12 प्रतिशत बढ़कर 198.47 गीगावॉट पर पहुंच गई है। इससे पता चलता है कि गर्मियों की शुरुआत तथा राज्यों द्वारा लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों में सुधार आया है।
बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल, 2021 को व्यस्त समय की बिजली की अधिकतम मांग 177.20 गीगावॉट रही थी। आंकड़ों से पता चलता है कि 2021 में पूरे अप्रैल महीने के दौरान बिजली की सबसे अधिक मांग 182.37 गीगावॉट दर्ज की गई थी।
अप्रैल, 2020 में यह 132.73 गीगावॉट थी, जो अप्रैल, 2019 के 176.81 गीगावॉट से कम है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिजली की मांग में भारी उछाल से पता चलता है कि वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों के लिए मांग बढ़ रही है। विशेषकर कोरोनो वायरस संक्रमण को रोकने के लिए राज्यों द्वारा लगाए लॉकडाउन अंकुशों में ढील के बाद से बिजली की मांग में जोरदार उछाल आया है। आर्थिक गतिविधियों में उछाल के अलावा गर्मी की शुरुआत ने भी बिजली की मांग को बढ़ा दिया है। विशेष रूप से देश के उत्तरी हिस्से में लोगों ने भीषण गर्मी के मद्देनजर कूलर और एयर कंडीशनर (एसी) का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
देश में बढ़ते कोरोना के मद्देनजर लगाए गए लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण अप्रैल, 2020 में बिजली की मांग प्रभावित हुई थी। केंद्र सरकार ने 25 मार्च, 2020 को लॉकडाउन लगाया था। अप्रैल, 2021 में महामारी की दूसरी घातक लहर की वजह से देश में फिर लॉकडाउन लगाया गया।
इससे देश में बिजली की मांग प्रभावित हुई थी। एक अप्रैल, 2022 को 198.47 गीगावॉट की व्यस्त समय की बिजली मांग अप्रैल, 2019 की 176.81 गीगावॉट की मांग की तुलना में काफी अधिक है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि बिजली की मांग अब महामारी-पूर्व के स्तर को पार कर गई है।
सात जुलाई, 2021 को बिजली की अधिकतम मांग या एक दिन में सबसे अधिक आपूर्ति रिकॉर्ड 200.57 गीगावॉट थी। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने पिछले महीने कहा था कि मार्च में ही बिजली की अधिकतम मांग 200 गीगावॉट के स्तर को पार कर सकती है। हालांकि, मार्च में मांग इससे कुछ कम 199.29 गीगावॉट रही थी।